Title: Moko
Lyrics: A poem by Kabirdas Ji "Moko Kha Dhundere Bande"
Band: Four2Six
Lyrics:
ना तीर्थ मैं , ना मूरत मैं
ना एकांत निवास मैं
ना मैं जल मैं, ना मैं थल
ना धरती आकाश मैं
ना मंदिर मैं, ना मस्जिद मैं
ना काबे कैलाश मैं
ना मंदिर मैं, ना मस्जिद मैं
ना काबे कैलाश मैं
ना मंदिर मैं, ना मस्जिद मैं
ना काबे कैलाश मैं
मोको कहाँ ढूढ़े रे बंदे
मैं तो हू बस तेरे पास मैं बंदे
मोको कहाँ ढूढ़े रे बंदे
मैं तो हू बस विश्वास मैं बंदे
मैं हू कण-कण क्षण- क्षण मैं हू 
ढूंढ तू सचे मन से
ढूंढ तू सचे मन से बंदे, ढूंढ तू सचे मन से
कण-कण क्षण- क्षण मैं हू
ढूंढ तू सचे मन से
ढूंढ तू सचे मन से बंदे, ढूंढ तू सचे मन से
कण-कण क्षण- क्षण मैं हू
ढूंढ तू सचे मन से
मोको कहाँ ढूढ़े रे बंदे
मैं तो हू बस तेरे पास मैं बंदे
मोको कहाँ ढूढ़े रे बंदे
मैं तो हू बस विश्वास मैं बंदे
कहत कबीर सुनो भाई साधो
मैं तो हू बस तेरे पास मैं बंदे
कहत कबीर सुनो भाई साधो
मैं तो हू बस विश्वास मैं बंदे
मोको कहाँ ढूढ़े रे बंदे
मैं तो हू बस तेरे पास मैं बंदे
मोको कहाँ ढूढ़े रे बंदे
मैं तो हू बस विश्वास मैं बंदे
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March, 2015
                        
									
									Puneet Dixit, Prakriti Kakar, Altamash Faridi
      
Four2Six
Four2Six
Comments
10 Comment
Chokka
what a singer
Gamri
:) :)
Talbadra
Wowwwww it's osmm
Saimaki
dil jeet liya
Naseeya
best song for me
Liyoja
Sooo nice
Silon
really nice
Shila
wonderful song & music
rickygupt
nice
Crazy_Music
amazed !